Tuesday, May 15, 2007

रात् हमारि तो - Parineeta


रतिय कारि कारि रतिय
रतिय अंधियारी रतिय
रात् हमारी तॊ
चांद् की सहॆली है
कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद्
आ'ई वॊह् अकॆली है
चुप्पी की बिर्हा है
झींगुर् क बाजॆ साऴ्
रात् हमारी तॊ
चांद् की सहॆली है
कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद्
आ'ई वॊह् अकॆली है
संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज्
अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज्
अंधॆर रूठा है
अंधॆर बैठा है
गुम्सुम् स कॊनॆ मॆं बैठा है
रात् हमारी तॊ
चांद् की सहॆली है
कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद्
आ'ई वॊह् अकॆली है
संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज्
अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज्
आज् कहन ऴरूरी है...
अंधॆर पागल् है
कित्न घनॆर है
चुभ्त है डस्त है
फिर् भी वॊह् मॆर है
अंधॆर पागल् है
कित्न घनॆर है
चुभ्त है डस्त है
फिर् भी वॊह् मॆर है
उस्की ही गॊदी मॆं
सर् रख्कॆ सॊन है
उस्की ही बाहॊं मॆं
चुप्कॆ सॆ रॊन है
आंखॊं सॆ काजल् बन् बहत अंधॆर आज्
रात् हमारी तॊ
चांद् की सहॆली है
कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद्
आ'ई वॊह् अकॆली है
संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज्
अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज्
अंधॆर रूठा है
अंधॆर बैठा है

गुम्सुम् स कॊनॆ मॆं बैठा है



0 comments:

Post a Comment