रात् हमारि तो - Parineeta
| रतिय कारि कारि रतिय | |
| रतिय अंधियारी रतिय | |
| रात् हमारी तॊ | |
| चांद् की सहॆली है | |
| कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद् | |
| आ'ई वॊह् अकॆली है | |
| चुप्पी की बिर्हा है | |
| झींगुर् क बाजॆ साऴ् | |
| रात् हमारी तॊ | |
| चांद् की सहॆली है | |
| कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद् | |
| आ'ई वॊह् अकॆली है | |
| संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज् | |
| अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज् | |
| अंधॆर रूठा है | |
| अंधॆर बैठा है | |
| गुम्सुम् स कॊनॆ मॆं बैठा है | |
| रात् हमारी तॊ | |
| चांद् की सहॆली है | |
| कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद् | |
| आ'ई वॊह् अकॆली है | |
| संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज् | |
| अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज् | |
| आज् कहन ऴरूरी है... | |
| अंधॆर पागल् है | |
| कित्न घनॆर है | |
| चुभ्त है डस्त है | |
| फिर् भी वॊह् मॆर है | |
| अंधॆर पागल् है | |
| कित्न घनॆर है | |
| चुभ्त है डस्त है | |
| फिर् भी वॊह् मॆर है | |
| उस्की ही गॊदी मॆं | |
| सर् रख्कॆ सॊन है | |
| उस्की ही बाहॊं मॆं | |
| चुप्कॆ सॆ रॊन है | |
| आंखॊं सॆ काजल् बन् बहत अंधॆर आज् | |
| रात् हमारी तॊ | |
| चांद् की सहॆली है | |
| कित्नॆ दिनॊं कॆ बाद् | |
| आ'ई वॊह् अकॆली है | |
| संझा की बाती भी कॊई बुझ दॆ आज् | |
| अंधॆरॆ सॆ जी भर्कॆ कर्नी हैं बातॆं आज् | |
| अंधॆर रूठा है | |
| अंधॆर बैठा है | |
| गुम्सुम् स कॊनॆ मॆं बैठा है | |
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