गीतकार :जावेद अख्तर गायक :ए. आर. रहमान संगीतकार :ए. आर. रहमान चित्रपट :स्वदेस
ये जो देस हैं तेरा, स्वदेस हैं तेरा, तुझे हैं पुकारा ये वो बंधन हैं, जो कभी टूट नही सकता मिट्टी की हैं जो खुशबू, तू कैसे भूलाएगा तू चाहे कही जाए, तू लौट के आएगा नई नई राहोंमें, दबी दबी आहोंमें खोए खोए दिल से तेरे, कोई ये कहेगा ये जो देस हैं तेरा, स्वदेस हैं तेरा,तुझे हैं पुकारा
तुझ से जिंदगी हैं ये कह रही सब तो पा लिया, अब हैं क्या कमीं यूँ तो सारे सुख हैं बरसे, पर दूर तू हैं अपने घर से आ लौट चल तू अब दीवाने जहा कोई तो तुझे अपना माने आवाज दे तुझे बुलाने वो ही देस
ये पल हैं वो ही जिस में हैं छूपी, पूरी एक सदी, सारी जिंदगी तू ना पूछ रास्तें में, काहे आए हैं इस तरह दोराहे तू ही तो हैं राह जो सुझाए तू ही तो हैं अब जो ये बताए जाए तो किस दिशा में जाए वो ही देस
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